आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा Jan Vishwas Bill, जानिए क्या है ये विधेयक और इससे क्या फायदा होगा?
Jan Vishwas Bill 2023 आज राज्यसभा में पेश किया जाना है. ये बिल व्यापार क्षेत्र में बदलाव के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है. यहां जानिए इस विधेयक में क्या है खास.
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इन दिनों जन विश्वास बिल (Jan Vishwas Bill 2023) की काफी चर्चा है. जन विश्वास बिल लोकसभा में पास हो चुका है. आज ये विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाना है. ये बिल व्यापार क्षेत्र में बदलाव के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है. इसमें कई कानूनों में छोटे मोटे कानूनों के उल्लंघन पर सजा के तौर पर जेल न होकर आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है. आइए आपको बताते हैं कि इस बिल के बारे में.
Jan Vishwas, Mines and Minerals (Development and Regulation) among 3 Bills listed for passage in Rajya Sabha today
— ANI Digital (@ani_digital) August 2, 2023
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क्या है जन विश्वास बिल
जन विश्वास विधेयक दरअसल कई पुराने प्रावधानों का संशोधन विधेयक है. अगर ये लागू होता है तो 42 कानूनों अपराध की श्रेणी में आने वाले छोटे-मोटे अपराधों को अपराधमुक्त कर दिया जाएगा. इन अपराधों में लिप्त व्यक्ति को जेल की सजा के बजाय आर्थिक जुर्माना वसूला जाएगा. ये वो छोटे-मोटे अपराध हैं जो देश में व्यापार करने को आसान बनाने में बाधाएं पैदा करते हैं. माना जा रहा है कि ये बिल जीवन यापन और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देगा.
बता दें कि मोदी सरकार ने 22 दिसंबर, 2022 को लोकसभा में जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) बिल, 2022 को पेश किया था. इसके बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा गया था. मार्च में इसे अंतिम रूप दिया गया. फिलहाल ये विधेयक लोकसभा में पास हो चुका है और आज इसे राज्य सभा में पेश किया जाना है.
इस बिल में क्या है खास
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JPC ने जन विश्वास बिल के जरिए 19 मंत्रालयों से जुड़े करीब 42 अधिनियमों के 183 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव दिया था. इसमें सार्वजनिक ऋण अधिनियम 1944, फार्मेसी अधिनियम 1948, सिनेमैटोग्राफ अधिनियम 1952, कॉपीराइट अधिनियम 1957, ट्रेड मार्क्स अधिनियम 1999, रेलवे अधिनियम 1989, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940, मोटर वाहन अधिनियम 1988, खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006, मनी लांड्रिंग निरोधक अधिनियम 2002, पेटेंट अधिनियम 1970, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986, मोटर वाहन अधिनियम 1988 समेत 42 अधिनियम शामिल हैं.
इन मंत्रालयों के तहत आने वाले कई अपराधों को अपराध की श्रेणी से हटाकर जुर्माने तक सीमित कर दिया जाएगा. इससे लोगों को कोर्ट-कचहरी की झंझट से मुक्ति मिलेगी, साथ ही, बिजनेस करना भी आसान हो जाएगा. हालांकि इस बिल में जिन अपराधों को जुर्माने में तब्दील किया जाएगा, उनमें पहले के मुकाबले जुर्माना कई गुना बढ़ जाएगा.
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09:52 AM IST